यहां चौकाने वाली बात यह है कि सोशल मीडिया आम आदमी के भरोसे जिंदा है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर 79 कंटेंट आम लोग ही तैयार कर रहे हैं। बता दें कि साल 2013 में यह आंकड़ा महज आठ फीसदी था।
from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/31YOMRn
No comments:
Post a Comment